घर से निकल जाएगा वो, तो फिर आएगा नहीं
नाराज अगर वो हुआ तो मनाएगा नहीं
बहुत बेगैरत सा यकीनन लगता है वो तुम्हें
पर एक बार हाथ से गया तो फिर वापस आएगा नहीं
माथा चूम के जो संवार देता है जुल्फें तुम्हारी
निकल जाने के बाद वो वापस गले लगाएगा नहीं
मोहब्बत करना,फिक्र करना अगर गलती है
इस गुनाह पर खुदा भी सिर झुका पाएगा नहीं
आयुष सूर्यवंशी
No comments:
Post a Comment