यूँ ही तारीखें बदलती रहेंगी
दूरियाँ ऐसे ही बढ़ती रहेंगी
होते पास तुम तो बात यूँ न बदलती
अब छिड़ गई है बात
तो रात यूँ ही ढलती रहेगी
शब और सहर में अब फासला ना होगा
तुम आए हो आज घर
मंज़ूर हो न हो
आग यूँ ही जलती रहेगी
साँस यूँ ही चलती रहेगी
रात यूँ ही ढलती रहेगी
तुम आए हो आज घर
मंज़ूर हो न हो
आग यूँ ही जलती रहेगी
साँस यूँ ही चलती रहेगी
रात यूँ ही ढलती रहेगी
दूरियाँ दूरियाँ लाई हैं
दूर थे जो दूर
वो क़रीब जायेंगे
पुराने ज़ख्म भरते रहेंगे
नए बनते रहेंगे
ज़िन्दगी यूँ ही कटती रहेगी
बात शुरू हुई है
तो रात भर ये बढ़ती रहेगी
दूर थे जो दूर
वो क़रीब जायेंगे
पुराने ज़ख्म भरते रहेंगे
नए बनते रहेंगे
ज़िन्दगी यूँ ही कटती रहेगी
बात शुरू हुई है
तो रात भर ये बढ़ती रहेगी
तेरी यादों के किस्से आये है
खुशियों में नमी भी लाए हैं
आज रुक जा इस शब में
बात छिड़ गयी है तो बात बढ़ती रहेगी
रात जलती रहेगी, साँस चलती रहेगी,
रात यूँ ही ढलती रहेगी।
खुशियों में नमी भी लाए हैं
आज रुक जा इस शब में
बात छिड़ गयी है तो बात बढ़ती रहेगी
रात जलती रहेगी, साँस चलती रहेगी,
रात यूँ ही ढलती रहेगी।
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