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जब रास्तों ने ही मुँह मोड़ लिया हमसे... |
हजारों शर्तें उसकी
कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी
चूमकर माथा, जिसे लगाया सीने से
उस रिश्ते में एक दिन दूरियां भी होंगी
बिस्तर पर महक न होगी उसकी
न स्याह जुल्फों का आंचल होगा
तन्हा-सर्द रातों में उस सुकूं को ढूंढ़ता
नशे में तेरा दिल भी पागल होगा
जिसकी हर गलती पर माथा चूमा था तुमने
उस रिश्ते का तु ही गुनहगार भी होगा
आवारा घुमता सड़कों पर, तु खुद कहेगा
ऐ खुदा अब कभी प्यार न होगा
तेरी नादानी देख ऊपरवाला फिर मुस्कराएगा
कुछ दिन में तेरा दिल भी कहीं लग जाएगा
पर न वो रिश्ता होगा, न वो निभाने वाला
मलाल तुझको होगा और खुदा भी पछताएगा
हजारों शर्तें उसकी होंगी
कुछ तुम्हारी मजबूरियां भी होंगी
Heart touching lines...awesome
ReplyDeleteAwesome lines sir....
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