
इश्क़ ही नहीं कारोबार भी किया है हमने
कुछ रिश्तों का व्यापार भी किया है हमने
नुमाइश की बात ख्वाहिश तक सिमटी नहीं
अपनी जिंदगी को अख़बार भी किया है हमने
काफिर हूं मैं, फिर भी हर दर सजदा कर
अपने दिल को दरबार भी किया है हमने
ऐतराम भी किया है हमनें, हराम भी किया है हमने
तड़पते दिलों को और बेकरार भी किया है हमने
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