Monday, 2 January 2017

मेरा गुनाह क्या है ख़ुदा जो मेरी माँ को किया मुझसे जुदा।

ये हर्फ  एक ऐसे बच्चे के एहसास है, जो अपनी माँ को खो देता है , वो ऊपर वाले से क्या कहता है  ......

मेरा गुनाह क्या है ख़ुदा
जो मेरी माँ को किया मुझसे जुदा।
मेरी ज़िन्दगी की आस छीन ली
माँ की ममता की मिठास छीन ली ।


अभी तो ठीक से चलना सीखा भी नहीं,
पूरी ज़िंदगी कैसे चलूंगा ???


ख़ुदा, क्या मेरी माँ इतनी प्यारी है जो तूने उसे अपने पास बुला लिया???

मेरी आँखों में हैं आँसू
लेकिन तू खुश होगा आज
जन्नत की भी जागी किस्मत
जो तुझे माँ मिली होगी आज ।

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